वही उसी महल के एक कमरे में जो की राजकुमार हर्ष का कमरा था जिसमे इस वक्त वो पांचों राजकुमार मावजूध थे और उन पांचों के चेहरे पर चिंता के लेकर थे क्योंकि जंगल में उन्होने युवराज त्रिजल और युवराज त्रिमय का जो रूप देखा था वो हद्द से ज्यादा खतरनाक था एक पल के लिए मिली उस लड़की के लिए उन्होंने उन दोनो के आंखों में एक आग देखा एक जुनून देखा था एक पागलपन देखा था वो भी पहले बार किसी स्त्री के लिए उनका आकर्षण था वरना उन लोगो को किसी स्त्री के तरफ देखना तो दूर के बात उनका नाम तक लेना मंजूर नहीं था
राजकुमार प्रभात - अब हम क्या करे जो हमारी आंखों ने देखा वो एक बहुत बड़ी तबाही का आदेश है




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