वैदेही,,, उन सब के तरफ़ डर भरी नजरो से देखते अपने थूक निगलते हुए खुद से मन ही मन कह रही थी भाग,, वैदेही भाग ,,, यहां से एक तो इस डरावनी जंगल में अकेली और ये आठ खतरनाक पर्सनलिटी के लड़के,,, अगर इन्होंने तेरे साथ कुछ भी किया न तो तू तो गई नही,,, नही हमें भागना ही होगा
वैदेही खुद से कहते अपने कदम पीछे लेने लगी पर तभी पीछे पड़े पत्थर से उसका पैर लगाते हुए वो लडखडा कर गिराने ही वाली थी किसी ने उसको कमर से थामा वैदेही गिराने के डर से अपने आंखों को बंद की हुई थी वो चोट का एहसास न होने पर वो धीरे से अपने आंखे खोली उसके नजरे सीधे उन दूसरे हरी नज़रों से टकराए वैदेही फिर से जैसे उन हरी नजरों में खोने लगी थीं पर वो जल्दी से अपने सर झटकते होश में आते उस लड़के के सीने में हाथ रख पुस करते हुए वो एक झटके से उसे दुर होते उसके तरफ़ देखने लगी जो उसे एक तक देख रहा था उसे वो दूसरी हरी नजरों वाले उस दमदार ठंडी पर्सनालिटी वाले सक्स ने उसे संभाला था
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