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Chapter 1

आज से हजारों साल पहले जब इस दुनियां में सिर्फ काली शक्तियों का राज था  जहां पर लोग  दिन में  भी  अपने घर से बाहर निकलने से डरते थे   जब  इंसानों और   पूरे दुनिया में शासक था    उन   शैतानों का उन इक्चाधारी चील    का  ,,,,,,,,,   

एक भाव्या महल जो  पता नही कितने अकड़ की जमीन पर फैला था जिसके शान और ऊंचाई  आसमान छू रही थी पर वो महल  दिखने में जीतना  खूबसूरत था   उसे कई ज्यादा  भयानक और खौफनाक था क्योंकि उस महल का  रंग काल और डार्क ब्लू था  उसके आस - पास फैला हुआ वो  खौफज्यदा  एक्टिविटी  वो रूह कंपाने वाली शांति जहां किसी सांसों तक की आवाज गूंज उठे   वहां आस - पास फैले खुबसूरत  पेड़ों और जंगलों के बावजूद वहां  एक परिंदा तक  पार नही मार रहा था दिन के  उजाले में भी वहां पर जैसे अंधेरा ही छाया हुआ था 

और  उन अंधेरे और हल्के उजाले में वो दूर से चमकते वो खतरनाक लाल  आंखे  ही दिख रहे थे  जो उस पूरे जगह में कुछ कुछ दूरी पर किसी रेड बल्ब के तरह नज़र आ रहे थे  पर वो  आंखे थी उस महल पर उस जगह पर पहरे देने वाले उन इच्छा धारी चीलों की,,,,

  तभी उस फैले शांति को चीरते एक डरावनी आवाज गूंजी  युवराज,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

  उस आवाज के साथ चारो तरफ चील फड़फड़ाने लगे 

महल के अन्दर जो उतना ही खूबसूरत और आलीशान था पर जहां से ये आवाज आई थी वहां पर पांच आदमी पुराने जमाने के किसी राजपरिवार के लोगो के तरह कपड़े पहनें हुए  थे वहीं उन अदामियो के सामने  एक आदमी किसी राजा के तरह अभिषण के साथ पोशाक पहने खड़ा जिसके तेज , ताकत उसके बॉडी देख कर ही पता चल रहे थे  वो देखने में अब भी जवान था पर उसके उम्र ६० साल के आस पास के होंगे वो आदमी जो सामने खिड़की से बाहर के तरफ देख रहा था  ये थे इस पूरे दुनिया पर राज करने वाले और  चीलो के महाराज   सूर्यवंशज,,,,,,,,, वो पीछे मुड   उन सामने खड़े आदमियों को अपने हरी नजरों से घूरते हुए कहने लग - कहा है युवराज ,,,,,

वो समाने खड़े  लड़के जिनके उम्र २५ से तीस साल के बीच के होंगे जो देखने में  किसी हीरो को भी मात दे वो पांचों सामने  उस आदमी को देखते कहने लगे

पहला लड़का -  हमें सच में नही पता था बड़े पिता श्री वो दोनो कहा है ,,,,

वो आदमी उन लोगो को घूरते  हुए - क्या  आप लोगो ने हमें बेवकूफ  समझ रखा है   राजकुमार  हर्ष,,,,,,,,,,,

दूसरा लड़का -  नही बड़े पिता श्री हम ऐसा क्यों समझेंगे आप जो है वही समझते है  हम 

महराज   सूर्यवंसज उस लड़के के बात सुन   गुस्से  से चीखे  - राजकुमार  प्रभात,,,,,,,

दुसरा लड़का जल्दी से अपने बात सभलाते हुए कहने लगा - महराज आप तो इस पूरे दुनियां और चीलों के महाराज है लोग आपके नाम सुन कर कांपते है 

सूर्यवंसज जी उनको घूरते हुए -   हम आपने प्रजा से मोहब्बत करते है ना की उन्हे खौफ देते है और हमारी प्रजा  के खौफ और डर की वजह कौन है हमे सब मालूम है   

तीसरा लड़का - पर महाराज हमें में इस बार नही   पता है वो है कहा,,,

 सूर्य वंशज जी उसको घूरते हुए - तो पता करिए राजकुमार  अर्श,,,,,,,  सूरज सर पर चढ़ने से पहले वो दोनो हमे महल में दिखने चाहिए ,,,,

चौथ लड़का - प,, पर आप तो जानते ही है  बड़े पिता श्री उन्हे  उनके मर्जी के  बिना कोई पता नही लगा सकता   और पिछले बार वो दोनो तो अपने नई शक्ति के लिए समुद्र के,,,,,, वो इतना ही कहा था की 

तीसरा लड़का उसके कंधे पर जोर से हाथ रखा जिसे चौथा वैसे ही वो अपने  आंखे बड़े किए उन लोगो को देखने लगा जो उसे  जान से मार डालने वाली नजरों से घूर रहे थे वो उनके तरफ देख हल्का सा स्माइल करते समाने सूर्यवशज जी के तरफ देखा  जहां सूर्या वंशज जी उन पांचों को अपने दहकती नजरों से देख रहे थे 

सूर्या वंशज जी  चौथे लड़के को घूरते  हुए अपने दामदार आवाज के साथ - क्या कहा  आपने राजकुमार वैभव,,,,,,

पांचवा लड़का जल्दी से बात सभलाने की कोशिश करते हुए  - महाराज इसका मतलब  है की वो लोग  समुद्र की  सैर करने गए थे  है ना  राजकुमार वैभव,,,,,

वैभव जल्दी से अपने गर्दन हा में हिलाते हुए - हा,,, हा महाराज राजकुमार    अंश सही कह रहे है

  सूर्यवंशज जी   उन पांचों को अपने गुस्से भरी नजरों से घूरते हुए - क्या किया था उस बार उन्होंने इस का पता तो हम लगा कर ही रहेंगे पर फिलहाल उनको   सूरज की किरने महल में पहुंचने से पहले वो  दोनो हमे महल के अंदर चाहिए और आप पांचों ये कैसे करते है आप जानिए,,,,,

जाए यहां से ,,,

वो पांचों  फिर एक दुसरे को देखते  एक मिनिट में किसी बहुत बड़े खतरनाक चीलों में वो पांचों परिवर्तित होते वहां से खिड़कियों से उड़ते बाहर चले गए 

तभी वहां एक आदमी  हो वही खड़ा सब कुछ देख और सुन रहा था जिसके उम्र कुछ ज्यादा थे वो  महाराज सूर्य वंशज के तरफ बड़ते हुए कहने लगा -  महाराज शांति रखिए सब ठीक ही होगा  

सूर्यवंशज उनके तरफ मुड़ते - हम शांति ही रख रहे है भिजेंद्र,,,,,, पर आपको भी ज्ञात है   उनके लिए हमारे राज  गुरु ने क्या कहा है  

भिजेन्द्र - हम जानते है महराज पर हमारे युवराज बहुत ताकत वार है उनका मुकाबल इस धरती में तो क्या इस धरती के बाहर भी कोई नही कर सकता लोग उनके नाम सुन कर भी कांपते है और रही बात इंसानों की  उनका सामना तो हमारा एक मामूली सा चील भी कर लेता है तो वो लोग हमारे   युवराजों का क्या ही बिगड़ पाएंगे 

  सूर्य वंशज जी -  वो नही भिजेन्द ,,, एक लड़की ,,, एक इंसानी लडकी,,,,,,,  

भिजेंद् - पर महराज एक इंसानी लडकी जिसमे कोई खासियत ही नही वो हमारा या हमारे  युवराजो का क्या ही बिगड़ लेगी आप ही सोचिए रोज  हजारों लड़किया दासिया हमारे महल में होती है   हार रात के लिए हमारे युवराज के पास खूबसूरती  लड़कियों की फौज लगी रहती  है  जिनके तरफ वो लोग  देखना भी जरूरी नहीं समझते है  फिर कैसे वैसा होगा महाराज चलो वैसे कुछ हुआ  भी तो  हम उस लड़की जो हमारे युवराजों के बिस्तर पर लायेंगे उसके बाद हुस्न के रंग उतरते ही सब मोह भी खतम हो  जायेगा महाराज,,,,

आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का 

धन्यवाद !


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