
रहेंद् के बात सुन वाणी उसके गले लग गई । फिर वो रुचि के साथ उस कैबिन से अटैच रूम के तरफ जाने लगी पर डॉक्टर साहिल गया था । वाणी रुचि के साथ अंदर चली गई वैसे ही एक साइड खड़ा डॉक्टर साहिल उनके ही तरफ देख रहा था । रुचि, डॉक्टर साहिल को देखते वाणी के तरफ देखते हुए बोलने लगी । हम सब बाहर ही है बाकी तू डरना मत ओके डॉक्टर साहिल है ना सब ठीक होगा ।
वाणी रुचि के बात सुनते उसके तरफ देखते अपना सर ना में हिलने लगी। रुचि वाणी को देखते बोलते लगी । मैं बाहर ही हूं ठीक है इतना बोला डॉक्टर साहिल के तरफ एक नजर देखते वहां से चली गईं। डॉक्टर साहिल रुचि को जाते देखते वाणी के तरफ़ बड़ने लगा । जो एक साइड खड़े अपना सर झुकाए हुए थी । वाणी, रूचि के जाते उसका दिल तेजी से धड़कने लगा वो अपने नजरे झुकाए अपने हाथो की उंगलियों को आपस में उलझाए जा रही थी ।
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