
10 साल बाद ,,,,,
मुंबई के एक बहुत बड़ा खूबसूरत विल जो पूरे तरह वाइट संगमरमर से बना हुआ था । जो देखने वाले की नजर न हटे पूरे 50अकड़ा के जमीन के बीचों बीच बना हुआ था वो विल । जहां चारो तरफ खूबसूरत गार्डन बने हुए थे । जो उसकी खूबसूरती को चार चांद लगा रहा था । गार्डन के बाहर चारो ओर से ऊंची दीवार से कवर था। वहां से आने जाने का एक बड़ा सा रास्ता उस विल के दरवाजे से ले कर गार्डन के आखिरी छोर तक बना हुआ था । जहां पर बड़ा सा गेट लगा हुआ था जिसके लिफ्ट साइड बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ था सिंगनिया विल जिसके एक एक साइड 2-2गार्ड खड़े ।
उसी बड़े से विल के अंदर जो बाहर से जितना खूबसूरत था अंदर उसे भी ज्यादा खूबसूरत पूरे वाइट और हल्की सी ब्लू कॉलर में वहां के खूबसूरती को चार चांद लगा रहा था पूरे विल में सर्वेन्ट लोग आपने काम में बिजी थे। उसे हॉल में घूरे दर आकृति में चारो तरफ आलीशान ब्लू वाइट सोफे सोफे लगे हुए थे। जहां पर छे लोग बैठ आपस में बाते कर रहे थे । जिसके 3 आदमी थे जो बिजनेस शूट पहने हुए थे और 3 औरते थी जो सलीके से बहुत खूबसूरत साडिया पहनी हुई थी । उनके बात करने के तरीके से पता चल रहा था वो सभी आपस में अच्छे दोस्त होंगे ।
संदीप जिंदल - आपने बालो में हाथ फेरते हुए - अभी तो हम सब जवान है किसे को बुड्ढे बोले।
सुनैना जी - आप को ही बोले है । दादा बनने के उम्र पापा बने का शौक चढ़ा रहता है । हू 😏
संदीप जी सुनैना जी के बात सुन आस पास देखते हुए बोले । सुनैना जी मेरे इज्जत का पोल न खोलो ।
सुनैना जी -क्यों न खोलू यहां पर जितने लोग हैं सब जानते ही है आप कॉलेज से कैसे थे ।
संदीप जी आस पास बैठे अजीत जी निर्माण जी को देखते हुए जो हंसे जा रहे थे । आपने मुंह बिगड़ बोलने लगे । ऐसे हंसो मत यार मेरी इज्जत का ख्याल रखा करो । मेरी दो दो बहने यहां पर बैठी हुई है (अनिता जी और नीलम जी )
अजीत जी -हस्ते हुए वैसे संदीप मेरी बहना ठीक ही कहां रही है । (सुनैनाजी) अब हमारी जवानी नही रही दादा बनने के उम्र में बिजनेस संभाल रहे है।
अनीता जी - अजीता आप न सिर्फ आपने बहेना के सामने अच्छे बनने का नाटक करते हो । और जब मैं बोलती हूं । आपने बेटे को बोलो शादी करने के लिए तो क्या बोलते है आप अभी तो उसके खेलने कूदने की उम्र है और वो उधर कैंची छुरी में खेलता रहता है ।
अजीत जी- अनीता मेरे बेटे को अभी उसकी जिंदगी जीने दो अभी उम्र ही क्या है । जो उसके हमारे जैसा हालत करना चाहती ।
अनीता जी अजीता जी के बात सुन उनको गुस्से में देखते हुए । आप का मतलब क्या है साफ साफ कहिए ।
निर्माण जी बात संभालते हुए अरे बहेना अजीत के कहने का मतलब है । की उम्र ही क्या है अभी बच्चे ही तो है सिर्फ 28साल के ।
नीलाम जी निर्माण जी के बात काटते हुए 28साल के है वो लोग । आप ऐसे बोल रहे है जैसे पांच साल के बच्चे हो जब आप की उम्र 28की थी तब वो तीन साल का था । और आप को वो बच्चा लगता है ।
सुनैना जी अनिता जी नीलाम जी के बात में हा मिलते हुए ।
सुनैना - आप लोग अब जवान नही रहे आपने बाल देखे हो पूरे सफेद हो चुके है । और आप लोगो को आपने बेटो के जवानी के उम्र आपनी जवानी दिख रहा देखा है । आप लोगो ने देखा हैं । हमारे कॉलेज के सभी फ्रैंड्स आपने गोद में पोता पोती खिला रहे है और हम लोगो आपनी बहु का सुख भी न पाए ।
अनीता जी -हा सुनैना तुम बिलकुल सही कहां रही हो अरे हमे भी मन होता हमारे खून के खून को गोद में खिलाए ।
और थोड़ा डरते हुए । वैसे भी सभी को याद है ना पंडित जी ने उन तीनो के क्या भविष्यवाणी किए थे । जिसके साथ वहां पर थोड़ी खामोशी छा गई ।
फिर तीनो औरते आपने मन के डर को देखते हुए एक साथ बोले । आप लोग सुन लीजिए । आपके बेटे हमारी बाते सुनते तो है नही । उनकी जिद और आप लोगो के सहमति के वजह से उनको डॉक्टरी तो करने दिए। उसका नतीजा क्या निकला दिन रात बस कैची छुरी के साथ खेलते रहते है । पर हमारी भी जिद है हमे हमारी बहुए जल्द से जल्द चाहिए मतलब चाहिए बस । इतना बोल वो तीनो औरते वहां से उठा चली गई
अजीता जी संदीप जी निर्माण जी उनको जाता हुआ देख एक दूसरे को देखने लगे । जहां संदीप जी अजीता जी को गुस्से में देख रहे थे जिसे निर्माण जी उनको देख शांत करवाते हुए बोले । यार अब फिर से तुम दोनो शुरू मत हो जाना । वो तीनो देवियां हमे धमकी दे कर गई हैं । उसके बारे में सोचो । क्योंकि तुम लोगो को भी पता है । हमारे बेटे हमे कैसे इमोशनल ब्लाक मेल कर लेते है ।
इन तीनो को अपना अलग अलग बहुत बड़ा और खूबसूरत विल है पर आपने दोस्तो से मिलने के लिए सिंगनिया विल आए थे
Szo हॉस्पिटल मुंबई का सबसे बड़ा हॉस्पिटल जहां करोड़ों पेशेंट के भिड़ी लगी होती है । 50मंजिल का यहां सबसे बड़ा खूबसूरत और शानदार था । यहां पर हर तरह के बीमारियों का इलाज किया जाता जो शायद विदेशों में भी अवलेबल न हो । इस वजह से यहां पर गरीब से लेकर अमीर तक हर तरह के पेसेंट की भीड़ लगी रहती । गरीब लोग यहां के ट्रेटमेंट के के खर्चे नही उठा सकते थे इस लिए इस हॉस्पिटल में उनके पूरे ट्रीटमेंट का खर्चा फ्री में दिया जाता । इस हॉस्पिटल में अमीर से अमीर अपना इलाज करवाने आते वजह ये है की दुनिया के टॉप थ्री फेमस डॉक्टर काम करते जिनका ट्रीटमेंट आज तक कभी फैल नही हुआ । और भी बहुत सारे बड़े बड़े डॉक्टर यहां अवलेबल है जिनका ट्रेटमैंट बहुत अच्छा रहता है पर ये हॉस्पिटल आपने काम को लेकर दो चीजों से और जाने जाते है। पहला यहां के वो वाल्ड टॉप थ्री डॉक्टर दूसरा वाल्ड थ्री बिज़नेस के हॉस्पिटल ।
उसी हॉस्पिटल के फिफ्टी फ्लोर में बड़ा ही शानदार और लक्जरी था उतने बड़े फ्लोर में सिर्फ तीन केबिन के दरवाज़े नजर आ रहे थे । जिसके बाहर लिखा हुआ था ।डॉक्टर अर्थात सिंगनिया ।डॉक्टर अर्जात जिंदल ।डॉक्टर अपार्थ ओबरॉय।उस पूरे फ्लोर के ऊपर उन तीन केबिन को छोड़ कर बाहर के पूरे साइड चेयर लगे हुए थे । जहां पर बहुत सारे पेसेंट के भीड़ लगी हुई थी जो आपने आपने अपॉइमेंट के अनुसार अपना नंबर आने का इंतजार कर रहे थे । वहां पर बहुत सारे नर्सिंग स्टॉफ से लेकर जूनियर डॉक्टर का आना जाना चल रहा था ।उसी फ्लोर के पहले वाले केबिन के अंदर जो ब्लू और वाइट कॉलर के कॉम्बिनेशन का बहुत बड़ा केबिन था जिसके वन साइड बहुत सारे बुक और टेबल के साथ चेयर रखे गए थे । दूसरे साइड आलीशान सोफे के जस्ट सामने टीवी और कांच के टेबल रखे हुए थे जो बहुत खुबसूरत नजर आ रहा उसी साइड दो रूम और थे राईट साइड के दरवाजे के के ग्रीन कॉलर से ढका हुआ था जो अलग सा रूम जैसा बना हुआ था जिसको दो हिस्से में बटे हुए थे । जिसके वन हिस्से के बीचों बीच एक किंग साइज चेयर में एक हीरो जैसे पर्सनालिटी वाला लड़का वाइट एबरो के साथ ब्लू कलर के स्वेथोस्कॉप लगाया हुआ था जिसकी आंखे हल्की ब्राउन थी जिसके कुछ बाल उसके चेहरे पर आ रहे जो दिखने ने बहुत ज्यादा हैंडसम नजर आ रहा था ये थे हमारे पहले हीरो डॉक्टर अर्थात सिंगनिया । जिसके सामने कांच के टेबल के जस्ट सामने दो चेयर लगे हुए थे जहां पर दो पेटेंट के साथ पांच नर्स साइड में खड़े थे उस कॉटन के दूसरे साइड दो डॉक्टर और थे । जो डॉक्टर अर्थ का ऑर्डर फ़ॉलो कर रहे थे और मन ही मन आपने कंपते हाथो के साथ दुआ कर रहे थे की उनसे कोई गलती से भी गलती न हो वरना उनका अंजाम उनको सोचना भी खतरनाक होता है ।डॉक्टर अर्थात उन पेशेंट के फाइल चेक करते हुए उनके तरफ बिना देखे बोले । Mr aas Your eye result is fine now your process of this medicine is last then you are completely fine जो की वो पेटेंट एक other countries का था इस लिए अर्थात ने उसे इंग्लिश में बात किया । वो पेसेंट डाक्टर अर्थात का धन्यवाद करते हुए Thank you very much doctor, you are really a very promising doctor. इतना बोल वो पेसेंट वहां से चला गया उसके नेक्स्ट बाद पेटेंट के नंबर आने लगा ।
उसी हॉस्पिटल के 40फ्लोर के ओटीपी के अंदर पिछले 6घंटे से एक बहुत बड़ी सर्जरी चल रहा था । जहां पर 20नर्स और 7जूनियर डॉक्टर जल्दी जल्दी घबराए हुए अपना काम कर रहे थे । क्योंकि ये सर्जरी डॉक्टर अर्जत जिंदल कर रहे थे । जो दिखने में जितने कातिलाना थे उसे भी ज्यादा खतरनाक थे । जो पूरे तरह से ऑपरेशन के कपड़ में घिरे हुए ,आपने हाथ चलते जा रहे थे । उनके एक नजर और हाथ के इशारे से सारे नर्स भागते हुए वो समान उनके सामने कर रहे थे वहां पर काम करने वाले डॉक्टर से लेकर नर्स के इतने ac वाले रूम में भी पसीने छूट रहे थे क्योंकि डॉक्टर अर्जात का गुस्सा देखना मतलब सामने वाले के पूरी बर्बादी ।
30floor के अंदर पैटेंट के रूम साइड लगभग 15नर्स और 3डॉक्टर भागते हुए एक लड़के के पीछे जा रहे थे । जिसने वाइट अप्रोन के साथ रेड स्सेथोस्कॉप लगाया हुआ था । जिसके चेहरे के भाव कुछ पता नही चल रहा था पर वो देखने में बहुत हैंडसम नजर आ रहा था । जिसके कदमों के रफ्तार इतने थे की वहां पर काम करने वाले नर्स और डॉक्टर को उनके पीछे दवडाना पड रहा था । ये थे डॉक्टर अपार्थ ओब्रोया।
वही मुंबई के एक छोटे से गली में जहां पर ज्यादा भीड़ भाड़ तो नही पर लोगो का आना जाना चल रहा था । उसी गली के एक मकान में जो ज्यादा बड़ा ना ज्यादा छोटा था बिल्कुल मीडियम साइज उसी घर के अंदर दो रूम एक किचन एक पूजा घर और छोटा सा हाल था । उसी पूजा घर में एक लड़की कान्हा के मूर्ति के सामने आपने हाथ जोड़े बैठी हुई थी वो लड़के दिखनेमें पूरी परी नजर आ रही थी जिसके बाल जो कमर से नीचे थे वहां से पानी की बूंदे टपक रहे थे वो सिंपल से सलवार शूट और कुर्ती में सादगी में भी कयामत लग रही थी। उसके वो बंद आंखे जो उसके मासूमियत बता रहे थे ।तभी पूजा घर के अंदर एक आदमी और एक औरत अंदर आते हुए उस लड़की को देख आपने नम आंखों के साथ हल्का सा मुस्कुरा दिए और दोनो उस लड़की के कंधे में हाथ रख दिए । जिसके साथ उस लड़की ने आपने आंखो खोल दिया और उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई उसके आंखो का कलर इस वक्त ब्राउन था । वो सामने के तरफ देखते हुए उन दोनो आदमी और औरत के हाथ पकड़ पीछे पलट उन दोनो के पैर छुने लगी जिसके साथ दोनो आपने हाथ उस लड़की के ऊपर रख दिए । ये थी हमारी आराध्या जो आपने खुली हुई आंखो के साथ भी नही देख सकती ना सुन सकती ना बोल सकती है और दोनो थे उसके मम्मी पापा ।
आगे जाने के लिए वेट कीजिए नेक्स्ट पार्ट का धन्यवाद!




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